मन नहीं करता
प्यार में गोते खाने का अब , मन नहीं करता।
दिल से सोचे जाने का अब, मन नहीं करता।।
जब से माशूका घर में, बीबी बनके आई है।
कसमें वादे खाने का अब ,मन नहीं करता।।
ठंडी - ठंडी लम्बी रातें, अलसाई सी सुबह हुई।
अब हर रोज नहाने का, मन नहीं करता।।
मुफ्त में राशन मिल जाये, तो हम भी जोगी बन जायें।
मेहनत करके खाने का अब ,मन नहीं करता।।
जात-पात मतभेद सब, मयखानों ने तोड़ दी।
मंदिर-मस्जिद जाने का अब , मन नहीं करता।।
अनूप जलोटा के भजनों का, ऐसा जादू छाया है।
फ़िल्मी गाने गाने का अब ,मन नहीं करता।।
भीड़-भाड़ ये शोर शराबा, चौराहे और तंग गलियां।
दिल्ली छोड़के जाने का अब ,मन नहीं करता।।
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